जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलपति ने डॉ मुख्तार अहमद अंसारी को श्रद्धांजलि पेश की

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलपति ने मुख्तार अहमद अंसारी को श्रद्धांजलि पेश की

 

नई दिल्ली:जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलपति प्रोफेसर मजहर आसिफ ने 25 दिसंबर को मुख्तार अहमद अंसारी की जयंती पर (जो जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के संस्थापकों में से एक थे ) को श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी कब्र पर गए। मुख़्तार अंसारी, एक प्रसिद्ध राष्ट्रवादी, राजनीतिज्ञ और शिक्षाविद् थे, जिन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 1928 से 1936 तक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में कार्य किया और इसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंसारी की विरासत जामिया मिल्लिया इस्लामिया से आगे तक फैली हुई है। वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति थे, उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वह हिंदू-मुस्लिम एकता के भी प्रबल समर्थक थे और उन्होंने शिक्षा और सामाजिक सुधार को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किए। अंसारी की कब्र पर कुलपति का जाना विश्वविद्यालय की अपने संस्थापक पिताओं और भारत के इतिहास में उनके योगदान का सम्मान करने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

इस अवसर पर Haris ul Haq, जनरल सेक्रेटरी जामिया स्कूल टीचर्स एसोसिएशन व स्टाफ मौजूद थे।

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