पद्मश्री वीरेंद्र प्रभाकर की 10वी पुण्यतिथि पर चित्र कला संगम की ओर से विभूतियों का किया गया सम्मानित

पद्मश्री वीरेंद्र प्रभाकर की 10वी पुण्यतिथि पर चित्र कला संगम की ओर से विभूतियों का किया गया सम्मानित

सबको साथ लेकर चलने वाले सतपुरुष थे वीरेंद्र प्रभाकर : श्री अशोक गेहलोत

 

नई दिल्ली।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के पूर्व महासचिव व राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्र श्री अशोक गेहलोट ने कहा कि पद्मश्री वीरेंद्र प्रभाकर ऐसे सौभाग्यशाली लोगों में से थे, जो हमारी आजादी की पहली रोशनी के गवाह थे। उन्होंने अपनी कलात्मक दृष्टि से दुनिया देखी, उसे दर्ज किया और कई पुरस्कारों से सम्मानित हुए। हमें यह जानकर बेहद खुशी है कि चित्रकला संगम और उनके पुत्रों द्वारा हर वर्ष उनके स्मृति दिवस पर काव्य संध्या एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता रहा है।

 

व्यस्तताओं के कारण कांग्रेस नेता श्री अशोक गेहलोट कार्यक्रम में नहीं आ पाए। इसके लिए उन्होंने खेद प्रकट किया और अपना संदेश भेजा।

नई दिल्ली के कांन्स्टीच्यूशन क्लब में चित्र कला संगम की ओर से पद्मश्री वीरेंद्र प्रभाकर की 10वीं पुण्यतिथि पर कई विभूतियों को किया गया सम्मानित, कवि इस अवसर पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों, विशेषकर साहित्यकार और कलाकार को सम्मानित किया गया।

 

रघु राय, अरुण जैमिनी, प्रवीण शुक्ल, अरुण जैन, महेन्द्र अजनबी, राजीव अग्रवाल, प्रेम जी पतंजलि, स्वराज जैन,आचार्य ओम प्रकाश, बाबा कानपुरी सहित समाजसेवी को सम्मानित किया गया।

इस मौके पर प्रसिद्ध फोटोग्राफर रघु राय ने उनके साथ बिताए गए पल को याद किया। रघु राय ने कहा कि इंडियन फोटोग्राफर की एग्जीबिशन पहली बार वीरेंद्र जी ने की थी.

 

बाबा कानपुरी ने अपनी कविता से लोगों को हंसाया।

गौरतलब है कि

प्रसिद्ध फोटोग्राफर और चित्रकार पद्मश्री वीरेंद्र प्रभाकर ने अपने कैमरे से भारत के राजनीतिक और सामाजिक इतिहास को संजोया है। उनकी तस्वीरें हिन्दुस्तान टाइम्स सहित अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रकाशित हुईं। उनके योगदान को आज भी समाज आदर के साथ स्मरण करता है। वर्ष 1983 में भारत सरकार की ओर से उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। खास बात यह भी है कि उनकी फोटोग्राफी और चित्रकारी की धूम विदेशों में भी कई लोगों के बीच रही। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में इनका नाम दर्ज है।

बीते 10 वर्षों से इस आयोजन को हर साल चित्र कला संगम की ओर से आयोजित किया जाता है। उनके पुत्र श्री अशोक जैन और श्री रवि जैन द्वारा उनके सामाजिक और कलात्मक योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक माध्यम है।

कार्यक्रम की शुरुआत की एंकरिंग विजय मोहन ने की.हरपाल जी ने अतिथियों का स्वागत किया और वीरेन जी की किए गए कार्यों पर चर्चा की.

 

मंगलवार 7 जनवरी को आयोजित 10वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित काव्य संध्या में प्रसिद्ध कवि श्री अरुण जैमिनी, श्री बाबा कानपुरी, श्री महेन्द्र अजनबी, श्री प्रवीण शुक्ला सहित अन्य कवि काव्य पाठ किया। साथ ही समाज के अन्य क्षेत्रों से जुडे़ गणमान्य लोग अपने विचार रखें।

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