केजरीवाल की गिरफ्तारी गैरकानूनी थी , प्रधानमंत्री को माफी मांगनी चाहिए: संजय सिंह
ईडी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी लिए बिना केजरीवाल को गिरफ्तार किया था , जबकि एजेंसियों को मंजूरी लेनी होती है: संजय सिंह
नई दिल्ली, 16 जनवरी: आम आदमी पार्टी ने तथाकथित शराब घोटाले में तीन साल बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय से ईडी की मंजूरी मांगने पर भाजपा पर कड़ा हमला बोला है। आप के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह ने कहा कि देश को एक बार फिर साबित हो गया है कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और मेरी गिरफ्तारी अवैध थी। ईडी ने गृह मंत्रालय से मंजूरी लिए बिना ही गिरफ्तारी कर ली, जबकि एजेंसियों को मंजूरी लेना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि तथाकथित शराब घोटाला भाजपा, प्रधानमंत्री और अमित शाह द्वारा राजनीतिक द्वेष के कारण गढ़ा गया है। तीन साल बाद मंजूरी लेना यह स्पष्ट करता है कि यह पूरा मामला फर्जी है। गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए संजय सिंह ने कहा कि बुधवार को यह साबित हो गया कि तथाकथित शराब घोटाला भाजपा, मंत्री का है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह द्वारा रचा गया यह मनगढ़ंत घोटाला है। इस पूरे मामले का न तो कोई सिर था और न ही कोई पैर। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पूरी तरह से अवैध और गलत थी। मनीष सिसोदिया और मेरी गिरफ्तारी भी पूरी तरह से काल्पनिक और अवैध थी। ये लोग तीन साल से झूठा केस चला रहे हैं, जिसमें उन्होंने अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और मुझे गिरफ्तार किया। तीन साल बाद उन्हें याद आया कि इस मामले में भी मंजूरी लेनी होगी। इसका मतलब यह है कि पूरा मामला फर्जी है और सभी गिरफ्तारियां अवैध हैं। संजय सिंह ने कहा कि उन्होंने बिना किसी सबूत और मंजूरी के एक मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया। इस देश में क्या हो रहा है? यह अपने आप में चौंकाने वाली बात है कि ईडी ने बिना मंजूरी के एक मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया। इसका मतलब यह है कि यह पूरा मामला भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गढ़ा गया है। अगर थोड़ी भी शर्म है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस अपराध के लिए अरविंद केजरीवाल से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। संजय सिंह ने कहा कि मुझे आपको यह बताने की जरूरत नहीं है कि यह पूरा मामला राजनीतिक द्वेष के कारण पैदा हुआ है। इसमें कोई सच्चाई नहीं थी और आम आदमी पार्टी नेताओं की गिरफ्तारी पूरी तरह से अवैध थी। एजेंसियों को अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है। क्या मुख्यमंत्री की अनुमति के बिना गिरफ्तारी की जा सकती है? यह अपने आप में सामान्य नहीं लगता।