Okhla News:क्षेत्रीय कांग्रेसी नेताओं ने ओखला प्रत्यासी के चुनाव प्रचार अभियान से बनाई दुरी!

क्षेत्रीय कांग्रेस नेताओं ने ओखला प्रत्यासी के चुनाव प्रचार अभियान से बनाई दुरी!

ओखला:दिल्ली के ओखला विधानसभा क्षेत्र में आगामी चुनावों को लेकर कांग्रेस पार्टी की स्थिति चर्चा का विषय बनी हुई है। पार्टी ने इस बार पूर्व विधायक आसिफ़ मोहम्मद खान की बेटी और पार्षद अरीबा खान को प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा है, लेकिन स्थानीय कांग्रेस लीडरों एवं कार्यकर्ताओं द्वारा प्रचार अभियान से दूरी बनाए रखने की खबरें सामने आ रही हैं। यह स्थिति न केवल कांग्रेस पार्टी के लिए चिंताजनक है, बल्कि इसने क्षेत्र के राजनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित किया है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नाराजगी की वजह की नाराज़गी की वजह तो साफ नहीं है लेकिन कयास लगाया जा रहा है कि नाराज़गी वजह अरीब खान को टिकट दिया जाना है।

कई कार्यकर्ताओं का मानना है कि अरीबा खान की उम्मीदवारी थोपे जाने जैसी है। उनका कहना है कि पार्टी ने स्थानीय नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं की राय को नजरअंदाज किया। कार्यकर्ताओं को लगता है कि उनकी मेहनत और समर्पण को दरकिनार कर टिकट दिया गया है।

ओखला जैसे क्षेत्र में जहां व्यक्तिगत संपर्क और जनता के साथ जुड़ाव महत्वपूर्ण होता है, कार्यकर्ताओं का कहना है कि अरीबा खान के मुकाबले कुछ अन्य स्थानीय नेताओं को टिकट मिलने की अधिक संभावना थी, जो जनता के बीच अधिक लोकप्रिय हैं।

सूत्र के अनुसार कांग्रेस पार्टी में आंतरिक मतभेद की बातें भी सामने आई हैं। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता अरीबा खान की उम्मीदवारी का खुलकर विरोध कर रहे हैं, जिससे कार्यकर्ताओं में भ्रम और असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

कुछ कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि ओखला क्षेत्र में कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान का प्रभाव काफी मजबूत है। उन्होंने अरीबा खान की उम्मीदवारी का समर्थन करते हुए इसे बेहतर निर्णय बताया। उनका मानना है कि अरीबा खान के चयन से कांग्रेस पार्टी को फायदा होगा।

लेकिन पार्टी के क्षेत्रीय लीडरान और कार्यकर्ता पार्टी के प्रचार अभियान से दूरी बनाए हुए हैं।कुछ नज़र तो आ रहे हैं लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है।

 

कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सीधा असर पार्टी के प्रचार अभियान पर पड़ रहा है। ओखला जैसे संवेदनशील क्षेत्र में, जहां वोटर मुस्लिम समुदाय से जुड़े हुए हैं, जमीनी कार्यकर्ताओं की भूमिका निर्णायक होती है।

कार्यकर्ताओं की दूरी के कारण क्षेत्र में कांग्रेस का प्रचार कमजोर पड़ रहा है। ओखला क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय का एक बड़ा वोट बैंक है, जो कांग्रेस के लिए पारंपरिक रूप से समर्थन करता रहा है। लेकिन मौजूदा स्थिति के चलते यह वोट बैंक अन्य दलों की ओर खिसक सकता है, जिसमें आम आदमी पार्टी (AAP)भारतीय जनता पार्टी (BJP) आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लमीन (AIMIM)शामिल हैं।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं की निष्क्रियता से विरोधी दलों को बड़ा फायदा हो सकता है। AAP और BJP ने इस मौके का फायदा उठाकर अपने प्रचार अभियान को तेज कर दिया है।

इस स्थिति को संभालने के लिए कांग्रेस नेतृत्व को तत्काल कदम उठाने होंगे।

पार्टी नेतृत्व को स्थानीय कार्यकर्ताओं और असंतुष्ट नेताओं से बातचीत करनी चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए।

ओखला विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और अरीबा खान के बीच बढ़ती दूरियां न केवल पार्टी के लिए बल्कि पूरे चुनावी समीकरण के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं। कांग्रेस पार्टी को अपनी स्थिति सुधारने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने होंगे। अगर पार्टी इस असंतोष को दूर करने में सफल नहीं होती है, तो इसका असर चुनाव परिणाम पर स्पष्ट रूप से दिख सकता है।

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