जामिया को आईडीईए लैब स्थापित करने के लिए एसएजी, एआईसीटीई से मंजूरी मिली

JMI gets approval from SAG, AICTE to setup IDEA Lab

जामिया मिल्लिया इस्लामिया को आईडीईए लैब स्थापित करने के लिए एसएजी, एआईसीटीई से मंजूरी मिली

जामिया मिल्लिया इस्लामिया को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के छात्रवृत्ति और अनुदान ब्यूरो (एसएजी) द्वारा आईडीईए (आइडिया डेवलपमेंट, इवैल्यूएशन एंड एप्लीकेशन) लैब को मंजूरी दिए जाने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। स्वीकृत आईडीईए लैब के साथ 55 लाख रुपये का अनुदान भी दिया गया है जिसका उपयोग परिसर में अत्याधुनिक आईडीईए लैब स्थापित करने के लिए किया जाएगा। इस लैब की स्थापना में सहायता के लिए विश्वविद्यालय को दो उद्योगों द्वारा 18 लाख रुपये के अनुदान की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया में एक सामान्य सुविधा के रूप में आईडीईए लैब द्वारा छात्रों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की शुरूआत के उपरांत माननीय प्रधानमंत्री द्वारा उल्लिखित आकांक्षाओं के अनुरूप “संलग्न, अन्वेषण, अनुभव, अभिव्यक्त और उत्कृष्टता” की सुविधा प्रदान की जाएगी ।

आईडीईए लैब, जो छात्रों के लिए 24X7 उपलब्ध रहेगी उसका उद्देश्य उनकी कल्पना और रचनात्मकता को बढ़ाना है तथा  साथ ही 21वीं सदी के आवश्यक कौशल जैसे कि आलोचनात्मक सोच, समस्या समाधान, डिजाइन सोच, सहयोग, संचार एवं  आजीवन सीखने आदि में आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करना है। आईडीईए लैब का उद्देश्य एक विचार को प्रोटोटाइप में बदलने के लिए सभी सुविधाएँ एक ही छत के नीचे प्रदान करना है। छात्रों एवं शिक्षकों को रचनात्मक कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और इस प्रक्रिया में, रचनात्मक सोच, समस्या समाधान, सहयोग आदि के बारे में प्रशिक्षण प्राप्त होगा जिसके बारे में पारंपरिक प्रयोगशालाएँ प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं।

हितधारकों के बीच विश्वविद्यालय की दृश्यता को इस लैब द्वारा बढ़ाया जाएगा और इससे छात्रों की रोजगार क्षमता में उल्लेखनीय सुधार होगा । विश्वविद्यालय नेटवर्क में अन्य संस्थानों से सीखने और उनके साथ सहयोग करने के लिए आईडीईए लैब नेटवर्क का हिस्सा बन जाएगा।

आईडीईए लैब का प्रस्ताव सितंबर, 2024 में इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संकाय की डीन प्रो. मिनी एस थॉमस के मार्गदर्शन में प्रस्तुत किया गया था और 19 सितंबर, 2024 को एआईसीटीई विशेषज्ञों के साथ एक ऑनलाइन बैठक/बातचीत आयोजित की गई थी। एआईसीटीई ने छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) की बुनियादी बातों के अनुप्रयोग के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यह योजना शुरू की है जिससे बेहतर व्यावहारिक अनुभव एवं करके सीखने की दिशा में कार्य  किया जा सके।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय की डीन प्रो. मिनी एस थॉमस ने यह कहा कि हम एसएजी, एआईसीटीई के वित्तीय समर्थन और हमारे विश्वविद्यालय की क्षमता को मान्यता देने के लिए आभारी हैं। विश्वविद्यालय को मेंटरिंग, नेटवर्किंग और निगरानी का लाभ मिलेगा। इसे भारतीय विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं इंजीनियरिंग सुविधा मानचित्र (आई-एसटीईएम) पर पंजीकरण का विशेषाधिकार भी प्राप्त होगा जो संस्थानों को अपनी सुविधाओं को साझा करने तथा  पारस्परिक व्यवस्था में पोर्टल [https://www.istem.gov.in] पर पंजीकृत संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं तक पहुंच की अनुमति देता है; इसके अतिरिक्त  जामिया मिल्लिया इस्लामिया को कॉमसोल, मैटलैब, लैबव्यू आदि जैसे सॉफ्टवेयर तक निशुल्क पहुंच होगी।

एआईसीटीई के आदेश के अनुसार आईडीईए लैब द्वारा नियमित रूप से एफडीपी, कौशल कार्यक्रम, बूटकैंप, विचार कार्यशालाएं, उद्योग के लिए जागरूकता कार्यशालाएं, इंटर्नशिप, व्यावसायिक कौशल कार्यक्रम, स्कूल शिक्षकों के लिए जागरूकता कार्यक्रम, स्कूली छात्रों द्वारा परियोजनाएं, स्कूली छात्रों के लिए ओपन डे का आयोजन किया जाएगा ।

आईडीईए लैब विश्वविद्यालय में शिक्षा को बदलने के उद्देश्य से एक दीर्घकालिक हस्तक्षेप होगा। यह संस्थान की गतिविधियों को समाज के वंचित वर्गों की सेवा के लिए बड़े राष्ट्रीय लक्ष्यों, मिशनों, पहलों और औद्योगिक आवश्यकताओं के साथ संरेखित करेगा।

एआईसीटीई- आईडीईए लैब के समन्वयक प्रो. एस. एम. मुजक्किर ने यह कहा कि  “हम इस अवसर पर माननीय कुलपति प्रो. मजहर आसिफ के अनुकरणीय नेतृत्व और दूरदर्शिता के लिए प्रशंसा व्यक्त करते हैं। नवाचार और उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रति उनका समर्पण जामिया मिल्लिया इस्लामिया को आगे बढ़ाने में सहायक रहा है। आईडीईए लैब की मंजूरी परिसर में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के उनके अथक प्रयासों का प्रमाण है।”

उन्होंने आगे यह भी कहा कि कुलपति प्रो. मजहर आसिफ की हमारे विश्वविद्यालय को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने की प्रतिबद्धता वास्तव में प्रेरणादायक है और हमें विश्वास है कि उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय नए कीर्तिमान हासिल करना जारी रखेगा एवं छात्रों तथा व्यापक समुदाय के जीवन में सार्थक प्रभाव डालेगा।

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