जामिया के‘स्टडी@जामिया फॉरेन स्टूडेंट्स इनफार्मेशन ब्रोशर’लॉन्च में ऐम्बेसडर्स,मिशन हेड्स,डिप्लोमेट्स हुए शामिल
ऐम्बेसडर्स, मिशन हेड्स, सांस्कृतिक अताशे, शिक्षा अताशे और सीनियर डिप्लोमेट्स, आईसीसीआर के अधिकारी, कुलपति और रजिस्ट्रार, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के साथ ‘विदेशी छात्रों के लिए ‘नव वर्ष’ और ओरिएंटेशन कार्यक्रम-2025’ के अवसर पर एक शानदार समारोह में शामिल हुए। जामिया मिल्लिया इस्लामिया में आयोजित इस भव्य समारोह में 13 देशों के ऐम्बेसडर्स, मिशन हेड्स, डिप्लोमेट्स के बीच प्रोफेसर मज़हर आसिफ, कुलपति जामिया द्वारा विदेशी छात्रों के लिए एक ‘स्टडी@जामिया फॉरेन स्टूडेंट्स इनफार्मेशन ब्रोशर’ भी लॉन्च किया गया।
जॉर्डन के हैशेमाइट किंगडम के राजदूत श्री युसेफ अब्देलघानी; अरब गणराज्य मिस्र के राजदूत श्री कामेल जायद कामेल गलाल, थर्ड सेक्रेटरी श्री वलीद रबी के साथ; माननीय श्रीमती कैपाया रोड्रिग्स, वेनेजुएला की राजदूत; माननीय सोमालिया के राजदूत डॉ. अब्दुल्लाही मोहम्मद ओडोवा; अर्जेंटीना के मिशन के डिप्टी चीफ श्री मार्सेलो बोफी, राजनीतिक अनुभाग के हेड श्री एंड्रेस रोजस के साथ; गाम्बिया के उप उच्चायुक्त श्री एब्रिमा मबूब, सेकंड सेक्रेटरी श्री उमर सोम्पो सीसे के साथ; डॉ. फ़िरास सबा सलीह अल-तुराही, सांस्कृतिक अताशे, इराक दूतावास; प्रो. (डॉ.) तलाल हमौद अब्दो अल मेखलाफ़ी, सांस्कृतिक अताशे, यमन दूतावास; सुश्री बीट्राइस आइरीन नगाउंजे, शिक्षा अताशे, मलावी दूतावास; तुर्की दूतावास की सेकंड सेक्रेटरी सुश्री बेरिल बहादिर, ईरान संस्कृति भवन, नई दिल्ली के सांस्कृतिक परामर्शदाता डॉ. फरीदुद्दीन फरीदसर, उनके साथ डॉ. काहरमान सोलेमानी और ईरान इस्लामी गणराज्य दूतावास के विज्ञान एवं शिक्षा सचिव श्री मुंतसिर मेहदी; नेपाल दूतावास के सांस्कृतिक परामर्शदाता श्री गोकुल बसनेत और फिलिस्तीन दूतावास की श्रीमती इमेन सी.एन. मोहबद्दीन ने विदेशी छात्रों के लिए ब्रोशर लॉन्च और ओरिएंटेशन कार्यक्रम में भाग लिया। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) के ज़ोनल हेड श्री राज कुमार भी इस अवसर पर गरिमामयी उपस्थिति में विश्वविद्यालय के सभी संकायों के डीन उपस्थित थे।
जामिया में विदेशी छात्र सलाहकार प्रोफेसर साइमा सईद ने विभिन्न विदेशी मिशन के राजदूतों और राजनयिक प्रतिनिधियों का परिचय कराया और 31 देशों के विदेशी छात्रों का स्वागत किया, जो वर्तमान में जामिया में विभिन्न स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट कार्यक्रमों में एनरोल्ड हैं। सभा को संबोधित करते हुए विभिन्न देशों के राजदूतों और डिप्लोमेट्स ने अपने देशों और अन्य देशों के विदेशी छात्रों को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में उच्च अध्ययन करने का अवसर मिलने पर बधाई दी, जिसकी उन्होंने भारत और विश्व स्तर पर शीर्ष रैंकिंग वाले विश्वविद्यालयों में से एक होने के लिए सराहना की। उन्होंने विदेशी छात्रों को जामिया और नई दिल्ली में अपने समय का अधिकतम लाभ उठाने की सलाह दी ताकि वे सर्वोत्तम संभव ज्ञान और कौशल प्राप्त कर सकें जो उन्हें अपने देशों की बेहतर सेवा करने में मदद करेगा।
सभा को संबोधित करते हुए, राजदूतों और राजनयिकों ने जामिया को और जामिया विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों को अपना पूर्ण समर्थन और सहयोग आगे भी देने का आश्वासन दिया ताकि वे अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें। उन्होंने विदेशी छात्रों को याद दिलाया कि वे न केवल अपने-अपने देशों और संस्कृतियों के सबसे अच्छे राजदूत हैं, बल्कि जिम्मेदार और सक्षम वैश्विक नागरिक बनने की जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर है, जो मानवता को शांति, समृद्धि, भाईचारे, समानता और दुनिया के सभी लोगों के लिए खुशहाल युग में ले जाएंगे। राजदूतों ने भारत को एक महान राष्ट्र के रूप में सराहा, जिसने विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति और शिक्षा में जबरदस्त प्रगति दिखाई है और इसलिए छात्रों के बढ़ने और सीखने के लिए एक आदर्श स्थान है। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) के जोनल हेड श्री राज कुमार ने फंडिंग और छात्रवृत्ति कार्यक्रमों के माध्यम से जामिया मिल्लिया इस्लामिया में विदेशी छात्रों का समर्थन करने के लिए ICCR की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया कि आईसीसीआर विदेशी छात्रों को भारत में स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी कार्यक्रमों में सहायता करने के लिए विभिन्न छात्रवृत्तियां प्रदान करता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि देश में उच्च शिक्षा की एक बेहतरीन प्रणाली है, जो अपनी शिक्षा पद्धति और अनुभवात्मक शिक्षा में बेजोड़ है।
जामिया के कुलपति प्रोफेसर मज़हर आसिफ ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि भारत अविश्वसनीय विविधताओं वाला देश है, जो इसकी भाषाओं, संस्कृतियों, रीति-रिवाजों, खान-पान की आदतों और जीवंत परंपराओं में भली-भांति परिलक्षित होता है। इस बात पर विचार करते हुए कि भाषा केवल शब्दों का एक समूह नहीं है, बल्कि सैकड़ों वर्षों से उसमें निहित संस्कृति और अर्थों का भंडार है, उन्होंने कहा कि भारत ने एक समृद्ध टेपेस्ट्री प्रदान किया है जो दुनिया के किसी भी अन्य देश से अलग है। उन्होंने कहा कि जामिया एक ऐतिहासिक संस्थान है, जिसमें राष्ट्रवाद की बेजोड़ विरासत और उच्चतम गुणवत्ता वाली शिक्षा के माध्यम से समाज और दुनिया की सेवा करने की प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि जामिया की 50 से अधिक देशों के साथ चल रही शोध परियोजनाएं और सहयोग हैं और वे विदेशी सहयोग और आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि विश्वविद्यालय अकादमिक ज्ञान, शिक्षाशास्त्र और तकनीकी नवाचार में नवीनतम प्रगति से लाभान्वित हो सके। समापन भाषण में जामिया के रजिस्ट्रार प्रोफेसर मोहम्मद महताब आलम रिज़वी ने आमंत्रित गणमान्य व्यक्तियों और राजदूतों में से प्रत्येक के प्रमुख संदेशों का सारांश प्रस्तुत किया। उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि जामिया उन्हें अपनेपन की भावना को बढ़ावा देने के लिए एक सहज और सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि विश्वविद्यालय उनका दूसरा घर महसूस हो सके। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय छात्रों द्वारा अपने साथ लाए गए अद्वितीय दृष्टिकोण और सांस्कृतिक विविधता के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि हालांकि प्रत्येक क्षेत्र-पश्चिम एशिया, मध्य एशिया और भारत का अपना विशिष्ट इतिहास, भूगोल, परंपराएं और संस्कृति है, फिर भी जब भी वह अपने शोध और कार्य के लिए इन देशों की यात्रा करते हैं, तो उन्हें पता चलता है कि इन संस्कृतियों को एक साथ जोड़ने वाली उल्लेखनीय समानताएं हैं। प्रोफेसर महताब आलम रिज़वी ने कहा कि सदियों से साझा लक्षणों और सामान्य प्रथाओं, जिसमें भोजन और सांस्कृतिक मूल्य शामिल हैं, के कारण यह परस्पर जुड़ाव है जो हमें एक साथ लाता है और हम एक दूसरे से संबंधित सांस्कृतिक परिदृश्य बनाने के लिए मूल्यों का सम्मान करना और एक दूसरे को समझना सीखते हैं।
प्रोफेसर साइमा सईद ने छात्रों का परिचय देते हुए कहा कि यह कार्यक्रम न केवल जामिया में विदेशी छात्रों की शैक्षणिक जीवंतता और भौगोलिक विविधता का प्रदर्शन था, बल्कि पारंपरिक सीमाओं से परे ज्ञान और अनुसंधान को आगे बढ़ाने के जामिया के निरंतर प्रयास और बहुसंस्कृतिवाद और समावेशिता को प्रोत्साहित करने के लिए विश्वविद्यालय के समर्पण को भी प्रमाणित करता है।
ब्रोशर एक व्यापक संसाधन प्रदान करता है और जामिया में आने वाले या भावी विदेशी छात्र को विश्वविद्यालय और इसके पाठ्यक्रमों और कार्यक्रमों के बारे में जानने के लिए आवश्यक सभी चीजों की सूची प्रदान करता है। यह पात्रता मानदंड, प्रवेश परीक्षा, दस्तावेजों और प्रवेश के लिए वीज़ा आवश्यकताओं और प्रवेश के बाद सहायता के बारे में चरणबद्ध मार्गदर्शन प्रदान करता है, जो एफएसए कार्यालय विदेशी छात्रों को पूरे वर्ष प्रदान करता है। यह छात्र और छात्राओं के लिए जामिया के हॉस्टल्स का अवलोकन, जामिया के अद्वितीय सांस्कृतिक और सामाजिक पारिस्थितिकी तंत्र और कैंपस में सेवाओं और सुविधाओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
विदेशी छात्रों ने अपने पारंपरिक परिधानों में सजे-धजे गणमान्य व्यक्तियों और आमंत्रित अतिथियों सेको अपना परिचय दिया और जामिया में अध्ययन और भारत में अपने प्रवास के समृद्ध अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम का उद्देश्य जामिया मिल्लिया इस्लामिया और दुनिया भर के देशों के बीच अकादमिक आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देना और मजबूत करना था ताकि विचारों, विद्वानों, संकाय सदस्यों और छात्रों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ाया जा सके और अधिक गहन सहयोगी शिक्षण और अनुसंधान के युग की शुरुआत की जा सके, ताकि दोनों पक्ष लाभान्वित हो सकें और सीख सकें। जामिया की स्थायी वैश्विक प्रतिष्ठा और वर्तमान उच्च राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग जैसे टाइम्स हायर एजुकेशन द (यूके) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: 601-800, कंट्री रैंक: 7; क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: 751-800, एशिया रैंक: 186; और राउंड यूनिवर्सिटी रैंकिंग (मॉस्को) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: 438 एक महत्वपूर्ण कारक है जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आकर्षित करता है।