जामिया के प्रो. नवेद इकबाल को मिली प्रतिष्ठित ब्रिटिश अकादमी की विजिटिंग फेलोशिप-2025

Jamia's Prof. Naved Iqbal receives prestigious British Academy Visiting Fellowship-2025

जामिया के प्रो. नवेद इकबाल को मिली प्रतिष्ठित ब्रिटिश अकादमी की विजिटिंग फेलोशिप-2025

 

नई दिल्ली:जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली के मनोविज्ञान विभाग के प्रो. नवेद इकबाल को प्रतिष्ठित ब्रिटिश अकादमी विजिटिंग फेलोशिप- 2025 से सम्मानित किया गया है। इस फेलोशिप में उन्हें बाथ विश्वविद्यालय, यूके द्वारा होस्ट किया जाएगा, जहाँ वे प्रो. सारा हॉलिगन के साथ मिलकर “सपोर्ट अवलेबल टू रिफ्यूजी चिल्ड्रन एंड देयर फैमिलीज़ इन इंडिया एंड द यूके” नामक एक शोध परियोजना पर काम करेंगे। यह परियोजना दोनों देशों में सहायता प्रणालियों के तुलनात्मक ढाँचे का पता लगाएगी, जो शरणार्थी आबादी की भलाई को प्रभावित करने वाले मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और संस्थागत पहलुओं पर फोकस करेगी।

यह फेलोशिप प्रो. इकबाल के अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक ऑनर्स के प्रभावशाली पोर्टफोलियो में एक और कड़ी है। इससे पहले उन्हें कई प्रतिष्ठित फेलोशिप मिल चुकी हैं, जिनमें जापान सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ साइंस (JSPS) द्वारा प्रदान की गई इनवीटेशनल फेलोशिप फॉर रिसर्च इन जापान-2024, इंडोनेशिया में एयरलांगा विश्वविद्यालय से विजिटिंग फेलो-2024 और यूके के लीसेस्टर विश्वविद्यालय में ग्लोबल चैलेंज रिसर्च फंड (GCRF) विजिटिंग फेलोशिप-2019 शामिल हैं। ये सम्मान अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक सहयोग और उच्च प्रभाव वाले अनुसंधान के प्रति उनकी निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

इन फेलोशिप के अलावा, प्रो. इकबाल ने दुनिया भर के कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में काम किया है। इनमें 2025 में रूस की सेंट पीटर्सबर्ग यूनिवर्सिटी; 2024 में जापान की ओसाका मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी; 2023 में पोलैंड के वारसॉ में कार्डिनल स्टीफन विज़िन्स्की यूनिवर्सिटी; और 2018 में कनाडा की वाटरलू यूनिवर्सिटी शामिल हैं।

प्रो. इकबाल ने कई अंतर्राष्ट्रीय शोध अनुदान भी हासिल किए हैं जो उनके विद्वत्तापूर्ण योगदान के महत्व को रेखांकित करते हैं। इनमें इंटरनेशनल फाउंडेशन ऑफ द हाउस ऑफ ह्यूमन साइंसेज, फ्रांस द्वारा एसोसिएटेड स्टडीज (डीईए) प्रोग्राम-2021 के निदेशक; लीसेस्टर विश्वविद्यालय, यूके से जीसीआरएफ रिसर्च ग्रांट-2019; इंडो-जर्मन (यूजीसी-डीएएडी, पीपीपी-2018-19) शोध परियोजना; और इंडो-कैनेडियन शास्त्री रिसर्च ग्रांट (एसआरजी- 2017-18) शामिल हैं।

इसके अलावा, प्रो. इकबाल एक अंतरराष्ट्रीय प्रोफेशनल ग्रुप के सम्मानित सदस्य हैं, जिसने 2022 में बाल दुर्व्यवहार पर यूनेस्को चेयर की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उनकी तीन पुस्तकें (संपादक) प्रकाशित हैं और प्रतिष्ठित राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में 105 से अधिक शोध पत्र भी प्रकाशित हैं।

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